धनबाद - नीरज सिंह हत्याकांड : साक्ष्यों के अभाव में पूर्व विधायक संजीव सिंह सहित 10 आरोपी बरी bihartalkies.com

Posted on August 27, 2025 by BiharTalkies
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धनबाद - नीरज सिंह हत्याकांड : साक्ष्यों के अभाव में पूर्व विधायक संजीव सिंह सहित 10 आरोपी बरी bihartalkies.com

धनबाद के बहुचर्चित नीरज सिंह हत्याकांड में आखिरकार कोर्ट ने फैसला सुना दिया है। झरिया के पूर्व भाजपा विधायक संजिव सिंह को अदालत ने पर्याप्त सबूत नहीं मिलने के कारण बरी कर दिया। संजीव सिंह को आज एंबुलेंस से कोर्ट में पेश किया गया था। 11 के खिलाफ चार्जशीट, 6 पर जांच अभी भी जारी इस मामले की जांच के बाद पुलिस ने कुल 11 आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया था। वहीं 6 अन्य संदिग्धों — गया सिंह, महंत पांडेय, संतोष, मोनू, रिंकू उर्फ विकास उर्फ धर्मेंद्र सिंह और सिद्धार्थ गौतम उर्फ मनीष — के खिलाफ अभी भी जांच चल रही है। 2017 में हुई थी नीरज सिंह समेत चार की हत्या यह हत्याकांड 21 मार्च 2017 को हुआ था। उस दिन धनबाद के तत्कालीन डिप्टी मेयर नीरज सिंह की उनके सहयोगियों — अशोक यादव (निजी सचिव), चंद्र प्रकाश महतो उर्फ घोल्टू (ड्राइवर) और मुन्ना तिवारी (बॉडीगार्ड) — के साथ गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। सभी लोग नीरज सिंह की गाड़ी में ही सवार थे जब स्टील गेट इलाके में उन पर गोलियों की बौछार कर दी गई। हत्या के बाद नीरज सिंह के करीबी अभिषेक सिंह की ओर से थाने में लिखित शिकायत दर्ज कराई गई, जिसमें संजीव सिंह सहित नौ लोगों को नामजद अभियुक्त बनाया गया। बाद में पुलिस ने जांच पूरी कर 11 लोगों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की। वैज्ञानिक जांच और गवाहों के बयान जांच के दौरान पुलिस ने आरोपियों के मोबाइल लोकेशन, आपसी कॉल डिटेल्स (CDR), पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट और अन्य वैज्ञानिक सबूतों को खंगाला। साथ ही गवाहों और आरोपियों के बयान भी दर्ज किए गए। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में सामने आया था कि नीरज सिंह के शरीर पर 56 गोली के निशान मिले थे। आरोपी अलग-अलग राज्यों से जुड़े चार्जशीट में शामिल 11 आरोपियों में धनबाद के अलावा बिहार, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल के लोग भी थे। इनमें से छह आरोपी जमानत पर बाहर हैं, जबकि चार जेल में बंद हैं। कुख्यात शूटर अमन सिंह, जो इस केस का एक आरोपी था, की वर्ष 2023 में धनबाद जेल के भीतर ही हत्या कर दी गई थी। इस तरह, लंबे समय से चल रहे इस मामले में आज अदालत ने बड़ा फैसला सुनाया, जिसके तहत मुख्य आरोपी संजीव सिंह सबूतों की कमी के कारण आरोपमुक्त कर दिए गए।